Monday, March 09, 2009

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IIT की धड़कन

हम केजीपी (IIT KGP)अइनी,
आके इहवा पछतईनी. ()
देख इहवा के लाइफ ,
फ्रूस्त (frustrated) हो नी.
हो गईनी.

अब का करीं हम माई?
आगे कुआ बा, पीछे खाई.

हम केजीपी अइनी ,
आके इहवा पछतईनी.

दुनिया IIT KGP के नम्बर वन समझेला लेकिन मोस्ट ऑफ़ जनता इहा फ्रूस्त रहेला .
देखे के की भभुआ जिला के एगो लईका के एह बारे में का कहे के बा :

सोचनी हा मन से खूब पढ़ब,
आगे दुनिया में नाम करब .()
क्लास्वा में माई रे नींद आवेला ,
का जाने पेपर में का लिखब.

प्लान का रहे का कर दिहनी,
बींच मझधारवा में रह नी.

अब का करीं हम माई ?
आगे कुआ बा, पीछे खाई .

हम केजीपी अइनी,
आके इहवा पछतईनी .


जींदगी झंड होवेला इहवा, जींदगी झंड होवेला .

बबुआ हो, कहत रहनी हां नु की बोम्बे चाहे दिल्ली ले ,
काहे मनला हां ... ?

अकैडवे(Academics) खाली मखाइल बा ,
देहवो के हाल गडबडाइल बा.
खा के मेसवा के खानवा ,
जान में बन आइल बा.

वैलुओ आपन कुछु नाही बाटें,
डांटे कुकुरो दौड़ा के काटे ()

अब का करीं हम माई
आगे कुआ बा, पीछे खाई

हम केजीपी अइनी,
आके इहवा पछतईनी

देख सब होवेला , इहे में कोम्प्रोमैइज कर ल.
अरे दुनिया में दुःख सुख आई जाई अब इहे में जीए के बा ?
ललनवा के देखेला ? BIT Mesra में बा ,आ ओही में मस्त रहेला.
अरे भाई कर्नाटको से गइल गुजरल बा? देख बबुलवा के दस हज़ार के नौकरी लागल बा . तू काहे झूठो टेंसअनिया जाला?

आके इहवा पछतईनी.

अब का करीं हम माई?
आगे कुआ बा, पीछे खाई.

हम केजीपी अइनी,
आके इहवा पछतईनी .(रोते हुए )

मत रोअ मत रोअ
अब पछतावे से कुछु होई?
अरे जाए दा मरदे ते नाही इतनो ख़राब नइखे .
IIT हां IIT, दाल भात के कौर ना .

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5 Comments:

Blogger Saurav Arya said...

Ye git aaj se 6 saal pehle IIT Kgp campus me likhi gayi.Mere prayaas me mere saathi bhoju ka bada yogdan raha.
Agar aap audio sunne ki iksha rakhte hai to drop me a mail @ saurav.arya@gmail.com

11:19 PM  
Blogger अभिषेक मिश्र said...

students ki sahaj bhavnayein hain inmein. Swagat.

7:27 AM  
Blogger गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan

5:00 AM  
Blogger देवकान्त पाण्डेय : said...

बढिया लिखले बाटा भाई

5:09 AM  
Blogger Saurav Arya said...

धन्यवाद देवकांत जी :)

9:11 AM  

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