Friday, March 27, 2009

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..पर शब्द नही है मेरे पास

सोचा दिल की व्यथा को
कागज़ पर उतारू
तुक लए और ताल से
उसे सवारू
दिल व्यथित है आज
तन्हाई है मेरे पास
परिस्थिति ने मुझे
किया मजबूर
सपने जब हकीक़त से टकराए
हो गए चकनाचूर

भावनाओ को व्यक्त करने के लिए
मै ढूंढ़ रहा हु
शब्दों को
लेकिन असमर्थ हु
उन्हें खोज पाने में

चेहरे पर उदासी है
दिल हार गया है
आंखों में आसू है
पर शब्द नही है मेरे पास

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