Wednesday, January 05, 2011

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कई मौसम बाद...

कई मौसम बाद आज ऑरकुट पर अपने कुछ टेस्टीमोनिअल्स पढ़ा तो लगा की जैसे एक बाल्टी प्यार से नहा लिया हूँ

5 Comments:

Blogger Himanshu said...

"...........जैसे एक बाल्टी प्यार से नहा लिया हूँ " इतनी सुन्दर भावपूर्ण हिंदी के बीच " टेस्टीमोनिअल्स" जैसे अंग्रेजी के शब्द ने आपको आहत नहीं किया ? हिंदी को भी जरा प्यार से लिखिए न !

9:33 PM  
Blogger Dr. Manish Kumar Mishra said...

आपके आलेख आमंत्रित हैं.
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के.एम्. अग्रवाल कॉलेज
पडघा रोड,गांधारी विलेज
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जिला-ठाणे
महाराष्ट्र ,इण्डिया
mailto:manishmuntazir@gmail.com
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०९३२४७९०७२६

5:45 AM  
Blogger nehasaraswt said...

कई कई चीत्ठों को पढ़ने के बाद... कोई समकालीन युवा मन का... पढे लिखो जैसा... कुछ हिंदी मे पढ़ने को मिला... कहीं कहीं अंगरेजी के सब्दों का उपयोग खटका अवश्य किन्तु .. आज क़ल हिंदी पूरी हिंदी मी मिले बडा ह़ी कठीण है ... अछा लागा ... कभी मेरे चीट्ठे को देखें और विचार प्रकट करें...

6:14 AM  
Blogger Shilpakar Nandeshwar said...

I like last seven words ........ very much


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11:40 PM  
Blogger rajshree said...

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11:50 PM  

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