हम है कानून के रखवाले
हम करते है पर्दाफाश
झूठ का
और रखते है नज़र
कानून कोई तोड़ने न पाए
जाति धर्म की भावनाओं से ऊपर उठ
बस सत्य का पक्ष लेने का
संकल्प लेते है हम
पर ये क्या
हम में भी कही ,
अब भी जीवित है
छुआछुत की भावना
५ अगस्त , २०००
नई दिल्ली : इलाहाबाद के एक दलित जज ने सुप्रीम कोर्ट में कम्पलसरी रिटायर्मेंट के लिए अपील की तब उनके सक्सेसर ने उनका कोर्टरूम गंगाजल से धुलवाया !
झूठ का
और रखते है नज़र
कानून कोई तोड़ने न पाए
जाति धर्म की भावनाओं से ऊपर उठ
बस सत्य का पक्ष लेने का
संकल्प लेते है हम
पर ये क्या
हम में भी कही ,
अब भी जीवित है
छुआछुत की भावना
५ अगस्त , २०००
नई दिल्ली : इलाहाबाद के एक दलित जज ने सुप्रीम कोर्ट में कम्पलसरी रिटायर्मेंट के लिए अपील की तब उनके सक्सेसर ने उनका कोर्टरूम गंगाजल से धुलवाया !
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