हम होंगे कामयाब
और फ़िर एक दिन ऐसा आएगा
सबकुछ स्वप्न सरीखे हो जाएगा
तब मस्त हवाए गाएंगी
मौसम जादू दिखलाएगा
मै जित की खुशी में नाचूँगा
चीखूंगा चिल्लाऊंगा
पल भर के लिए मै शायद
पागल सा हो जाऊँगा
सबकुछ स्वप्न सरीखे हो जाएगा
तब मस्त हवाए गाएंगी
मौसम जादू दिखलाएगा
मै जित की खुशी में नाचूँगा
चीखूंगा चिल्लाऊंगा
पल भर के लिए मै शायद
पागल सा हो जाऊँगा
2 Comments:
बढ़िया कोशिश
The poems of Saurav Arya have freshness of wind blowing over green fields.
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