रिश्ते -२
क्या अपना और क्या पराया??
जीवन तो है एक माया
निरन्तर परिवर्तन ही इसकी रीत है
फ़िर ये रिश्तो के बनने बिगडने से ,क्यो दुनिया भयभीत है??
जीवन तो है एक माया
निरन्तर परिवर्तन ही इसकी रीत है
फ़िर ये रिश्तो के बनने बिगडने से ,क्यो दुनिया भयभीत है??