Monday, April 03, 2006

Bookmark and Share

रिश्ते -२

क्या अपना और क्या पराया??
जीवन तो है एक माया
निरन्तर परिवर्तन ही इसकी रीत है
फ़िर ये रिश्तो के बनने बिगडने से ,क्यो दुनिया भयभीत है??