Thursday, June 29, 2006

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मैं आउगां

तुम अपने सपनो को टुटने न दो
सम्भाले रखना
दिल से लगाकर

यादों की एक पुस्तक बनाकर
अपने सिरहाने रखना
और इस चाहत के सिलसिले को
कभी रुकने न देना

मेरे आने मे देर हो जाये
तो घडी कि तरफ़ ना देखना
और वादो पर से विश्वास उटने लगे
तो यादों के पन्ने पलटना

मेरा इन्तेजार करना
मैं आउंगा